pankaj kumar
Saturday 25 March 2017
तेरे बिना तन्हा हम रहने लगे हैं, दर्द के तूफानों को सहने लगे हैं, बदल गयी है इसकदर मेरी जिन्दगी, अश्क बनकर पलकों से बहने लगे हैं!
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